सर्पदंश के बाद ‘क्या करें, क्या न करें’ की दी गई जानकारी ?
बलिया। जिला चिकित्सालय बलिया के सभागार में बुधवार को “राष्ट्रीय सर्पदंश नियंत्रण कार्यक्रम” के तहत जिले के स्वास्थ्य कर्मियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एसके यादव ने किया।
Dr. B.K. gupta
बरसात के मौसम में ज्यादातर सर्पदंश की घटनाएं हो रही है। ऐसे में अकाल मौत को रोकने के लिए पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश मुख्यालय लखनऊ से प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रशिक्षकों की एक टीम बुधवार को जिला अस्पताल पहुंची। वहां सीएमएस के नेतृत्व में वरिष्ठ व कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ ही फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, वार्ड बॉय से लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं संगिनी तक को प्रशिक्षण दिया गया।
Dr. Shubham Rai
SHUBHAM RAI
Dr. M. Alam
Dr. D Rai
प्रशिक्षकों की टीम ने सांप के काटने के बाद उसके प्राथमिक लक्षण एवं उपचार की जानकारी दी। सांप काटने पर स्वास्थ्य कर्मियों को सर्वप्रथम पीड़ित व्यक्ति को किस तरह का उपचार देना चाहिए। इसके बाद उसे चिकित्सक के पास तत्काल कैसे भेजें। चिकित्सक सर्वप्रथम पीड़ित व्यक्ति के साथ उपचार के दौरान क्या-क्या सावधानी बढ़ातें और उनका उपचार त्वरित गति से कैसे करें ? इसके बारे में गहन चर्चा करते हुए उन्हें प्रशिक्षित करने का काम किया गया।
Dr. P.K. Singh
Dr. Aftab
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इस मौके पर सीएमएस ने कहा कि गांव में रहने वाली आशाओं को प्रशिक्षित दिया गया है। उन्हें सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति मिले तो उसे धैर्य पूर्वक समझाएं और उसे बताएं कि घबराने और चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्हें वहां से तत्काल बिना शरीर मूवमेंट किए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर भेजे दें। वहां चिकित्सक द्वारा पीड़ित व्यक्ति की जांच की जाएगी कि उसे किस जहरीले जंतु ने काटा है।
Dr. V.S. Singh
Dr. Ujjawal
इस बात की भी जांच होगी कि जहर नस के माध्यम से फैल रहा है अथवा मांसपेशी के माध्यम से फैल रहा है। इन सारे बिंदुओं पर परीक्षण करने के बाद उपचार किया जाएगा। कहा कि हमारे बलिया जनपद के आस-पास के जिलों में पांच से छह तरह के सर्प विषैले होते हैं। बाकी सर्प विषैले नहीं होते। घबराने की जरूरत नहीं है। सांप काटने के बाद घबराएं नहीं, शरीर के जिस अंग में सांप ने काटा है। उसको चलने- फिरने और शरीर के मूवमेंट को रोकने का प्रयास करें। शांति से धैर्य पूर्वक नजदीकी अस्पताल पर पहुंचकर अपना उपचार कराएं।
Dr. Krishna Singh [URIS id=324