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नवजात शिशु में कैसे बढ़ते हैं इंफेक्शन के खतरे..,?

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बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डा. प्रशांत सिंह से जानें शिशु में संक्रमण के कारण

बलिया। मां के गर्भ से जन्म लेने के बाद नवजात शिशु में इंफेक्शन के खतरे बने रहते हैं। इस संबंध में अपूर्व हॉस्पिटल शंकरपुर मझौली में तैनात बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ प्रशांत सिंह ने बताया कि बच्चों के गर्भ में आने के साथ ही मां को कई तरह की सावधानियां रखनी पड़ती है। मां द्वारा बरती गई लापरवाही नवजात शिशु के लिए घातक हो सकती है।

गर्भ में पल रहे शिशु का समय से विकास न होना या आवश्यकता से अधिक वजन होना भी संक्रमण का कारण होता है। जच्चा को अगर किसी तरह की गंभीर बीमारी जैसे ब्लड प्रेशर या शुगर से पीड़ित हो तो ऐसे में बच्चे के जन्म के बाद संक्रमण के खतरे बने रहते हैं।


गर्भवती महिला को बच्चे के जन्म लेने में विलंब होने पर अक्सर संक्रमण की संभावना बनी रहती है। समय पर प्रसव होने से जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य रहते हैं। जबकि विलंब होने पर उन्हें संक्रमण की दिक्कत रहती है।


उन्होंने बताया कि शिशु जब मां के गर्भ में होता है, तो वह पानी की थैली में रहता है। ऐसे में परिजन जब नॉर्मल डिलवरी को लेकर काफी विलंब कर देते हैं, तो गर्भस्थ शिशु प्रथम टूल्स पार कर गंदा पानी पी लेता है। इतना ही नहीं कभी-कभी बच्चे का वजन ज्यादा होने पर भी वह थैली से बाहर हो जाता है और गंदा पानी पी लेता है। इसके बाद पैदा होते ही उसे सांस की समस्या उत्पन्न हो जाती है। फिर उसके शरीर में इंफेक्शन फैल जाता है।


डाक्टर प्रशांत सिंह ने बताया कि गर्भवती महिलाओं तथा उनके परिजनों को चिकित्सक से लगातार परामर्श लेते रहना चाहिए। उन्हें जरूर बताना चाहिए कि डिलेवरी में विलंब न करें। समय से प्रसव कराएं। ऐसा न कराने से जच्चा-बच्चा को कई तरह की दिक्कत झेलनी पड़ सकती है। ऐसा नॉर्मल डिलवरी के बजाय ऑपरेशन से भी डिलीवरी करानी पड़ती है। फिर चिकित्सक को ध्यान रखना पड़ता है कि जच्चा-बच्चा को सुरक्षित व स्वस्थ रखा जा।

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