कड़ाके की ठंड ने कर दिया जेब खाली
प्रयागराज (आनंद ओझा)। ठंड कड़ाके की है। ठंड ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। जहां एक ओर आम जन मानस की दिनचर्या अस्तव्यस्त हो गई है वहीं अस्पतालों की व्यवस्था चौपट हो गई है। खासतौर से छोटे अस्पतालों की। अस्पताल कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है।
ये है मामला
प्रयागराज शहर में बड़े छोटे मिलाकर हजारों अस्पताल हैं। बड़े अस्पतालों में इमरजेंसी पहुंचने से कुछ राहत है। मगर छोटे अस्पतालों की हालत बिगड़ गई है। हाल ये है कि छोटे अस्पतालों में मरीजों का टोटा हो गया है। तमाम अस्पताल दिसंबर की शुरुवात से ही खाली चल रहे हैं। जिसका असर है कि अस्पाल संचालक कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा दे रहे हैं। नतीजा जनवरी आते ही अस्पताल कर्मियों की जेब खाली हो गई है।
कैसे भरे रूम का किराया
प्रयागराज में अस्पतालों में काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ को महीने में पांच, छह हजार रुपया वेतन मिलता है। इसी में उन्हें अपना खर्च चलाना होता है। जिसका नतीजा है कि तमाम नर्सिंग स्टाफ एक के बजाय दो दो जगह ड्यूटी करते हैं। बावजूद इसके उन्हें वेतन नहीं मिल पा रहा है।
एक नर्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अस्पताल संचालक ने दो महीने का वेतन नहीं दिया है। अब मकान मालिक किराया मांग रहा है। कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
वहीं, एक नर्सिंग स्टाफ ने कहा कि हम छोटे कर्मचारी हैं। छोटी तनख्वाह मिलती है। इसके बावजूद अस्पताल संचालक समय से वेतन नहीं देते हैं।