हृदय को स्वस्थ रखना है तो खुद के लिए समय निकालें तथा दिनचर्या में करें सुधार -डा. संतोष कुमार
बलिया। “विश्व हृदय दिवस” पर बलिया में सोमवार को अपूर्व हास्पीटल एंड रिसर्च सेंटर शंकरपुर मझौली के वरिष्ठ फिजिशियन/हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर संतोष कुमार के नेतृत्व में जिला मुख्यालय अंतर्गत टाउन हॉल बापू भवन से एक विशाल जागरूकता रैली निकाली गई। जिसमें लोगों को हृदय स्वास्थ्य के प्रति सजग एवं सतर्क रहने के लिए जागरूक किया गया।
वरिष्ठ फिजिशियन डाक्टर संतोष कुमार ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के लिए समय निकालना जरूरी है। हमें स्वस्थ रहने के लिए अपने दिनचर्या एवं खान-पान में भी बदलाव करना होगा। क्योंकि स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही तथा दिनचर्या में सुधार न करने से बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर खुद को स्वस्थ और खुश रखना चाहते हैं तो हृदय स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। छह से सात घंटे प्रतिदिन सोएं। अपने आहार यानि खान-पान का विशेष ख्याल रखें। हमें स्वस्थ रहने के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इसके लिए समय-समय पर चिकित्सकीय परामर्श लें।
विश्व हृदय दिवस पर टाउन हॉल बापू भवन परिसर में पूर्वाह्न 11:00 बजे सैकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई थी। जिसकी अगुवाई वरिष्ठ फिजिशियन डाक्टर संतोष कुमार कर रहे थे। लोग विश्व हृदय दिवस पर बैनर एवं हाथों में तख्तियां लेकर हृदय स्वास्थ्य के प्रति आम जनता को जागरुक कर रहे थे। इस दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए नारे भी लगा जा रहे थे।
रैली टाउन हॉल से निकलकर शहर के ओक्डेनगंज पुलिस चौकी, शहीद चौक, रेलवे स्टेशन रोड, चित्तू पांडेय चौराहा, विशुनीपुर होते हुए पुन: टाउन हॉल बापू भवन पहुंचकर समाप्त हो गई। रैली में मुख्य रूप से चिकित्सक, एमआर, स्वास्थ्य कर्मी एवं बलिया की जागरूक जनता शामिल रही।
बता दें कि रैली में शामिल लोगों ने एक से बढ़कर एक नारे लगाए.. “हृदय को कौन बचाएगा, हम बचाएंगे- हम बचाएंगे”, “हृदय बहुत अमूल्य है, अमूल्य है- अमूल्य है”, फास्ट फूड छोड़ना होगा, छोड़ना होगा- छोड़ना होगा.. आदि नारे लगाए गए और लोगों को जागरूक किया गया।
..और हृदयगति अचानक बंद होने पर क्या करें ?
**विश्व हृदय दिवस पर रैली के समापन पर स्वास्थ्य कर्मियों की टीम द्वारा हृदय के अचानक बंद होने पर तत्काल क्या करना चाहिए और कैसे किसी व्यक्ति द्वारा पीड़ित व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है। हृदय को पुनः सक्रिय किया जा सकता है, इसके लिए डेमो करके दिखाया गया और लोगों को जागरूक किया गया। टीम ने यह बताया कि इसके लिए चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी का होना जरूरी नहीं है। यह आम व्यक्ति भी कर सकता है। इससे हृदयाघात के समय व्यक्ति को तत्काल राहत मिलती है।