बलिया। बाल रोग विशेषज्ञ एवं सलमा चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के संचालक डॉ. आफताब आलम ने बताया कि वर्तमान समय में सबसे अधिक बच्चे वायरल फीवर (तेज बुखार), उल्टी- दस्त (डायरिया) और पीलिया की चपेट में आ रहे हैं। पीलिया के कारण उनका आंख एवं हाथ पीला हो जा रहा है।
इस रोग से बचाव के लिए खान-पान का विशेष ध्यान रखना होगा। बच्चों का आहार एवं पानी के दूषित होने से पीलिया एवं डायरिया दोनों का खतरा काफी बढ़ जाता है। डाक्टर आलम ने बताया कि हमेशा घरों में विशेष साफ -सफाई रखी जाए। भोजन ताजा एवं शुद्ध खाया जाए। शुद्ध पेयजल का सेवन किया जाए बाहरी भोजन एवं अशुद्ध पानी से बचा जाए।
बरसात में किन रोगों के बढ़ने का है खतरा..?
बरसात के दिनों में पानी जमा होने तथा गंदे पानी के कारण मच्छरों की तादाद बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चों में डेंगू व चिकनगुनिया जैसे रोग तेजी से बढ़ते हैं। दूसरी तरफ पानी के दूषित होने के कारण भी डायरिया और पीलिया रोग बढ़ता है। साथ ही मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण वायरल फीवर एवं अन्य रोग से बच्चे ग्रसित होते हैं। इससे बचाव के लिए पूरी तरह सजग एवं सतर्क रहना जरूरी है।
निमोनिया रोग से बच्चों को कैसे बचाएं ?
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आफताब आलम के अनुसार निमोनिया रोग के प्रारंभिक लक्षण बच्चों में तेज बुखार का आना, खांसी होना एवं सांस की दिक्कत होना पाया जाता है। इस रोग के रोकथाम के लिए बच्चों को छह महीने तक मां का दूध पीना जरूरी है। इससे उसकी आंतरिक प्रतिरोध क्षमता मजबूत होती है।
सरकारी अस्पतालों में निमोनिया का टीकाकरण होता है। बच्चों को समय से निमोनिया का टीकाकरण जरूर कराया जाए। जिससे उन्हें रोग से बचाया जा सकता है। बच्चों में तरह-तरह के इंफेक्शन से रोकने के लिए उन्हें मां का दूध नितांत आवश्यक है। बोतल का दूध एवं बाजार का भोजन बिल्कुल न दें। माता-पिता द्वारा सावधानी बरतने पर ही बच्चे को स्वस्थ रखा जा सकता है।