लू लगने पर बच्चों को ठंडी जगह लेटाए, ठंडे पानी से हाथ पैर धोए
बलिया। हीट-वेव के शिकार बच्चों को स्वास्थ्य एवं सुरक्षित रखने के लिए चिकित्सकीय परामर्श कारगर साबित होते हैं। घरेलू उपचार के बाद तत्काल स्थिति में सुधार न होने पर बच्चे को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराएं। यह बातें जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. अनुराग सिंह ने कही।
डॉ अनुराग सिंह ने यह भी कहा कि बच्चों में लू लगने के मुख्य लक्षण बहुत तेज बुखार होना, उन्हें उल्टी होना तथा पतला दस्त होना पाया जाता है। ऐसे में तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाना चाहिए। अगर किसी कारण से स्वास्थ्य केंद्र जाने में असमर्थ हैं, तो तत्काल बच्चों को ठंडी जगह लेटा दें। उसका हाथ पैर ठंडे पानी से धो दें। संभव हो तो उसे स्नान करा दें।
इसके बाद अगर उसकी स्थिति ठीक, तो उसे ओआरएस का घोल तत्काल देना शुरू करें। इतने में उसके स्वास्थ्य में सुधार होना शुरू हो जाएगा। अगर स्थिति में सुधार न हो तो अस्पताल लेकर जाएं।
कैसे बढ़ाएं बच्चों की इम्यूनिटी पावर
बच्चों में इम्यूनिटी पावर बढ़ाने तथा उन्हें स्वस्थ रखने के लिए किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए इस बारे में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुराग सिंह क्या कहते हैं जानें..। बच्चों का नियमित टीकाकरण जरूरी है। माता-पिता को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके साथ ही बच्चों में इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए मौसमी फल एवं ताजी सब्जियों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए समय पर टीकाकरण तथा स्वस्थ एवं ताजा भोजन करना जरूरी है। इससे इम्यूनिटी पावर भी बेहतर रहती है।
गर्मी में स्कूल जाते वक्त बच्चे क्या बरतें सावधानियां
**गर्मी के मौसम में बच्चों को अधिक से अधिक पानी पिलाएं।स्कूल जाते वक्त भी उनके साथ पानी का बोतल अवश्य भेजें। बच्चों से यह बताएं कि वह हर थोड़ी देर पर पानी पीते रहें। बच्चों को स्कूल जाते समय पूरा शरीर सूती कपड़ों से ढक कर जाएं।बच्चे सूती कपड़े पहन के ही स्कूल जाएं। इसके अलावा मौसमी फल एवं फ्रूट्स लेते रहें।खासकर तरबूज खीरा ककड़ी लस्सी आदि का सेवन करें। सादा भोजन लें, पानी और नमक की मात्रा थोड़ा अधिक कर दें। डॉ अनुराग सिंह ने कहा कि बच्चों को गर्मी के दिनों में बाहरी भोजन न करने दें। फास्ट फूड एवं अन्य तला भुना चीज दुकानों से बिल्कुल ना खाएं।