बलिया। जिला महिला अस्पताल की पूर्व सीएमएस डॉ. स्वस्तिका पांडेय ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को हल्का आहार लेना चाहिए। भोजन वही करें जो पौष्टिक एवं सुपाच्य हो। सुबह उठते ही कम से कम डेढ़ से दो गिलास पानी का सेवन करें। गर्मी में नारियल पानी, फलों का जूस, तरबूज, खरबूज के साथ ही जलजीरे का पानी, पुदीने का पानी, बेल व सत्तू की लस्सी अपनी रूचि के अनुसार लें। फल और खाने में सलाद का नियमित सेवन करते रहना चाहिए। ऐसा करने से गर्भ में पल रहा शिशु सुंदर एवं स्वस्थ रहता है।
तापमान अधिक होने पर गर्भवती महिलाओं का ठीक से करें देखभाल
बताते चलें कि सामान्य से अधिक तापमान होने पर इसका शरीर के हर अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में खासकर गर्भवती महिलाओं को सजग एवं सतर्क रहने की जरूरत होती है। गर्मी में खाना न पचना, भूख कम लगना और ठीक से नींद पूरा ना होना। यह आम बात है। इस कारण गर्भवती महिलाएं कमजोर हो जाती हैं और इसका असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। अगर समय से ध्यान नहीं दिया गया, तो खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को हमेशा पौष्टिक आहार देने के साथ ही उनकी देख-रेख सही ढंग से करनी चाहिए। जिससे जच्चा- बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।
महिलाओं की दुर्बलता का गर्भ पर गहरा असर
गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखती हैं, इससे दुर्बलता आती है। कमजोरी के कारण शरीर शिशु के वजन को बर्दाश्त नहीं कर पाती और गर्भपात होने का खतरा बना रहा था। पूर्व सीएमएस डॉ. स्वस्तिका पांडेय ने यह भी कहा कि कामकाजी महिलाएं गर्भावस्था के दौरान विशेष सतर्क रहें। गर्मी के दिनों में घर से बाहर निकलते वक्त शरीर को पूरी तरह ढंककर निकलें। थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी पीती रहें और ज्यादातर पैदल चलने से बचें। छाए में रहें और धूप से बचें।