
बलिया। वर्तमान समय में लोग सिर दर्द, हाथ-पैर में जलन, झनझनाहट, साइटिका, सर्वाइकल एवं कमर दर्द से अधिक पीड़ित है। इन रोगों के बारे में वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉक्टर नीरज शर्मा से हुई विशेष बातचीत के अंश..। डॉ. शर्मा ने कहा कि इन रोगों को जानने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि नसों का दर्द क्या है ? नसों में दर्द व झनझनाहट की मुख्य वजह क्या है ? यह कैसे लोगों को अपनी चपेट में लेता है ? धीरे-धीरे हमें असहनीय दर्द देता है, फिर ध्यान न देने पर अपाहिज भी बना देता है। ऐसे रोग के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं ? इससे निजात कैसे पाया जा सकता है ? इन सारे बिंदुओं पर विशेष जानकारी प्रस्तुत है।
वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. नीरज शर्मा बताते हैं कि हमारे शरीर में दो तरह की नसें होती हैं। एक ब्लड को पूरे शरीर में ले जाने वाली नस और दूसरी रीढ़ की हड्डी और ब्रेन के बीच से निकलने वाली नस। नसों में दर्द व झनझनाहट के बहुत कारण हो सकता हैं ? नसों से परत हटने, नसों के दबने या नसों में ठीक से रक्त का संचार न होने से होता है। नसों के दबाने के कारण कमर में दर्द, सिर में दर्द एवं सर्वाइकल को जन्म देता है। जबकि नसों में दर्द की वजह से हाथों में झनझनाहट, हाथ-पैर में करेंट जैसा दर्द, हाथ व सिर में भारीपन होना, गर्दन मोड़ने में दर्द होना आदि पाया जाता है।
शरीर के लिए मोटापा खतरनाक
**डाक्टर नीरज शर्मा ने बताया कि नसों में दर्द को लेकर मोटापा भी एक बड़ा कारण है। मोटापा के कारण शरीर का वजन बढ़ जाता है। शरीर की नसों और हड्डियों में बदलाव आना शुरू हो जाता है। मोटापा बढ़ने से हड्डियों के बीच नसें दबाने लगती है। साथ ही बीपी, शुगर एवं नसों से संबंधित अन्य रोगों का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में ब्रेन स्पाइस एवं हार्ट से संबंधित कोई बीमारी होती है तो उसके पीछे तीन कारण होते हैं, बीपी, शुगर और ओबीसीटी (अपनी हाइट और एज के हिसाब से मोटापा का अधिक होना)। शरीर की हड्डियां जरूरत के हिसाब से ही वेट संभालने योग्य होती है और जब शरीर का वेट अधिक बढ़ने लगता है, तो हड्डी व नस सही दिशा में काम करना बंद कर देती है।
युवा खिलाड़ी भी हो रहे सर्वाइकल रोग के शिकार
इन दोनों युवा खिलाड़ी भी सर्वाइकल रोग के शिकार हो रहे हैं। इसका कारण हड्डी में चोट लगना, मांसपेशी का खींचना तथा आवश्यकता से अधिक शारीरिक श्रम करना है। खिलाड़ियों को सत्ता से अधिक प्रोटीन लेना भी खतरनाक होता है। कभी-कभी युवाओं के खेलने, चलने, उठने, बैठने और सोने का तरीका भी गलत होने पर युवाओं में सर्वाइकल एवं नसों में दर्द के साथ झनझनाहट की शिकायत होती है।