Facebook
Twitter
LinkedIn

हाल-ए-जिला अस्पताल : भीषण गर्मी से कैसे निपटेंगे चिकित्सक, रोगी व तीमारदार ?

Spread the love

एसी शो-पीस बनने से परेशानी बढ़ी, आखिर समस्या से कब मिलेगी निजात ?

बिजली का लोड बढ़ने से ओपीडी में एसी का चलना नामुमकिन-सीएमएस

बलिया। जिला चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक एवं कर्मचारी इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। अस्पताल परिसर में आपातकालीन कक्ष से लेकर ओपीडी के समय छोटे एवं बड़े कमरे मरीजों से भरे रहते हैं। देखा जाए तो जिला अस्पताल के ज्यादातर चिकित्सकों को सांस लेने तक की भी फुर्सत नहीं होती। सुबह उनके ओपीडी में बैठते ही मरीजों की भीड़ उन्हें घेरे रहती है।

भीषण गर्मी व हीट-वेव से बचाव व सुरक्षित रखने के लिए सभी डॉक्टर के कक्ष में एसी लगाया गया था। इससे मरीज एवं तीमारदारों को भी काफी राहत मिलती थी। लेकिन इस बार गर्मी के मौसम में सभी कमरों में लगा एसी शोपीस बना हुआ है।


इस संबंध में जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एसके यादव ने बताया कि जिला चिकित्सालय में एसी को संचालित कर पाना संभव नहीं है। अभी बिजली की खपत अधिक होने से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इन दोनों बहुत सारी अत्याधुनिक मशीनों के लगने के कारण बिजली का लोड काफी बढ़ गया है। ऐसे में एसी को चला पाना फिलहाल नामुमकिन है। सभी चिकित्सकों के ओपीडी कक्ष में कूलर एवं पंखे की व्यवस्था कर दी गई है।


पिछले कुछ सालों से सरकार द्वारा प्रदान की गई एसी की सुविधा से राहत महसूस करने वाले जिला अस्पताल के चिकित्सक इस बार तकलीफ में हैं। अत्यधिक तापमान में एयर कंडीशन कक्ष में बैठ कर आराम से मरीज देखने वाले चिकित्सक इस साल भीषण गर्मी में तड़फड़ा रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि कुछ चिकित्सकों के कमरे बड़े होने के कारण थोड़ी राहत है, लेकिन जहां कमरे 8/8 या 8/10 के हैं, वहां केवल घुटन महसूस करने के अलावा और कुछ भी नहीं है।


आलम यह है कि कुछ डाक्टरों के ओपीडी कक्ष में हालात बद से बद्तर है। वहां कमरे काफी छोटे होने के बाद भी एक की जगह दो-दो डॉक्टर मरीज को देखने के लिए बैठाए गए हैं, वहां न चिकित्सक के ठीक से बैठने की जगह है और ना ही मरीजों को दिखाने की। ऐसे में गर्मी से परेशान चिकित्सक इस मौसम में खुद शांत रहने और रोगियों को शांत रखने का भले ही प्रयास करते हैं, लेकिन अक्सर उन पर झल्लाते देखे जाते हैं।

जानकारों की मानें तो इसका मूल कारण सही वातावरण का ना होना, चिकित्सकों को सुकून से काम करने की आजादी ना मिलना और सुविधाओं में कटौती करना है। जिला अस्पताल में आए दिन कभी कूलर खराब, तो कभी पंख डोलते नजर आते हैं, इतना ही नहीं किसी ओपीडी कक्ष में कुर्सी बेकार है, तो कहीं टेबल सही स्थिति में नहीं है। इसके लिए चिकित्सकों को व्यवस्था सुधारने के लिए लड़ाई तक लड़नी पड़ती है।


वर्तमान समय में चिकित्सकों के अंदर काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। जिला अस्पताल के एक -दो चिकित्सकों ने तो बिजली के ओवर लोड के बावजूद खुद पाकेट से पैसा खर्च कर अपने कक्ष में एसी की मरम्मत कराई है। एक-दो कक्ष में एसी चालू हालत में है। लेकिन वह भी वेंटीलेटर पर जीवित हैं।

बता दें कि एसी की सुविधा न देने से अन्य चिकित्सक नाराज हैं। उनके लिए छोटे से कमरे में मरीजों की भीड़ व गर्मी से लड़ पाना काफी कष्टदायक है। अब देखना है कि आने वाले दिनों में बिजली का लोड बढ़ाया जाता है, जिला चिकित्सालय के ओपीडी में लगी एसी चालू की जाती है या पूरी गर्मी डॉक्टर, मरीज व तीमारदारों को ऐसे ही परेशानी झेलनी पड़ती है ? आगे क्या होगा देखना बाकी है ?

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top