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बच्चों में होने वाले गंभीर व आंतरिक रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी-डा. विनेश कुमार

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भारत के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत शिशु के जन्म के बाद अलग-अलग कुल 12 टीके लगना जरूरी

शिशु के जन्म के साथ ट्यूबरक्लोसिस, हेपेटाइटिस-बी व पोलियो का तत्काल लगाएं टीका

बलिया। जिला चिकित्सालय के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विनेश कुमार ने बताया कि नवजात बच्चों में आंतरिक संक्रमण एवं रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण अति आवश्यक है। मां के गर्भ से शिशु के जन्म लेते ही कुछ टीके तत्काल लगाए जाते हैं। संक्रमण से बचाव के लिए बी.सी.जी के टीके, पोलियो से बचाव के लिए पोलियो के टीके एवं हेपेटाइटिस -बी से बचाव के लिए हेपेटाइटिस के टीके तत्काल लगाए जाते हैं।


नवजात एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विनेश कुमार ने बताया कि प्रसव के बाद शिशु के अवतरण के बाद उसे कुल 12 अलग-अलग टीके लगाए जाते हैं। यह भारत के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत निर्धारित है। शिशु को समय पर टीकाकरण कराना विभिन्न बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही उसे स्वस्थ रखने में मदद करता है।


बच्चों के जन्म के साथ ही पहला टीका बीसीजी का लगता है। यह टीका ट्यूबरक्लोसिस (TB) एवं फेफड़ों में होने वाले संक्रमण से बचाता है। दूसरा टीका शिशु को जन्म के 24 घंटे के अंदर दिया जाता है। यह टीका हेपेटाइटिस-बी का लगाया जाता है, जो शिश को हेपेटाइटिस-बी जैसे गंभीर बीमारी से सुरक्षा प्रदान करता है। तीसरा टीका शिशु को पोलियो से सुरक्षा के लिए लगाया जाता है। यह शिशु के जन्म के तत्काल बाद तथा छह हफ्ते बाद भी लगाना आवश्यक होता है।


इसी क्रम में अन्य टीके भी लगाए जाते हैं।

पेंटावेलेंट :

-यह टीका डिप्थीरिया, टेटनस, काली खांसी (पर्टुसिस), हेपेटाइटिस-बी और हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) से सुरक्षा प्रदान करता है और 6 सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह की उम्र में दिया जाता है।

ओपीवी (ओरल पोलियो वैक्सीन) :

-यह टीका पोलियो से सुरक्षा प्रदान करता है और जन्म के समय दिया जाता है।

टीका बूस्टर :

-यह टीका पहले दिए गए टीकों के प्रभाव को बढ़ाता है और जन्म के 15-18 महीने के बाद दिया जाता है।

रोटावायरस :

-यह टीका रोटावायरस से सुरक्षा प्रदान करता है और छह सप्ताह, 10 सप्ताह और 14 सप्ताह की उम्र में दिया जाता है।

न्यूमोकोकल वैक्सीन :

-यह टीका न्यूमोकोकल रोग से सुरक्षा प्रदान करता है और 2, 4 और 12 महीने की उम्र में दिया जाता है।

खसरा, कण्ठमाला व रूबेला :

-यह टीका खसरा, कण्ठमाला और रूबेला से सुरक्षा प्रदान करता है और 9 और 12 महीने की उम्र में दिया जाता है।

चिकनपॉक्स (वैरिसेला) :

-यह टीका चिकनपॉक्स से सुरक्षा प्रदान करता है और 12 महीने की उम्र में दिया जाता है।

इन्फ्लुएंजा (फ्लू) :

-यह टीका इन्फ्लुएंजा से सुरक्षा प्रदान करता है और 6 महीने की उम्र से हर साल दिया जाता है।
इसके साथ ही अन्य आवश्यक टीके, जैसे कि हेपेटाइटिस- ए और कोविड-19 भी शिशुओं को दिए जा सकते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह टीकाकरण अपने डॉक्टर के सलाह पर ही लगाना चाहिए।

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