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सेना भर्ती : बिना तैयारी दौड़ में ना लें हिस्सा-डा. पीके सिंह

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निश्चित समय के भीतर दौड़ पूरा करने में टूट जाती हैं युवाओं की हड्डियां

बलिया। सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. पीके सिंह से हुई विशेष बातचीत में सेना भर्ती के दौरान दौड़ में हिस्सा लेने वाले युवाओं की हड्डी टूटने एवं लक्ष्य पूरा ना कर पाने पर गहन चिंतन -मंथन व वार्ता के कुछ अंश…।

सवाल : वर्तमान समय में सेना भर्ती के लिए दौड़ में हिस्सा लेने वाले कुछ युवाओं की हड्डियां टूट जा रही हैं, ऐसा क्यों हो रहा है ?

जवाब : डॉ. पीके सिंह ने कहा कि समय सीमा के अंदर दौड़ पूरा करना युवाओं के लिए चुनौती बना रहता है। दौड़ के लिए पहले से पूर्ण अभ्यास न होना इसका मुख्य कारण है। इसके साथ ही युवाओं का खान-पान, शारीरिक व्यायाम एवं दिनचर्या सही न होना भी उन्हें अंदर से कमजोर बना रहा है।

उनका कहना है कि ऐसे में दौड़ के वक्त लक्ष्य पाने में युवाओं को कई तरह की मुश्किलें आती हैं। समय के अंदर दौड़ पूरा करने में कुछ घायल हो जाते हैं, कुछ बीमार, तो कुछ की हड्डियां कमजोर होने की वजह से टूट जाती हैं। डाक्टर पीके सिंह का यह भी कहना है कि बेरोजगार युवा सेना में भर्ती तो होना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए पूर्ण तैयारी पहले से न होने के कारण वह दौड़ते समय लक्ष्य पूरा करने में असफल हो जाते हैं।

यह पूछे जाने पर युवाओं को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?

**इस पर डॉ. पीके सिंह ने कहा कि भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ, सब्जी, दूध व जूस को नियमित डाइट में शामिल करें। धावकों के शरीर में कैल्शियम व प्रोटीन की कमी ना हो, आहार संतुलित एवं पौष्टिक हो। इसे पूर्ण मात्रा में लेना आवश्यक होता है। युवाओं को दौड़ का अभ्यास एवं संतुलित आहार के साथ ही रात्रि में सोने और सुबह में उठने का भी समय निश्चित होना चाहिए, ताकि उनकी दिनचर्या सही रहे और उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

युवाओं के साथ बुजुर्गों को अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए ?

**हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पीके सिंह बताते हैं कि बुजुर्गों को विटामिन-डी यानी सूर्य से मिलने वाला सुबह का प्रकाश भरपूर मात्रा में लेना चाहिए। इसके साथ ही उम्र जब 40 से 50 का हो जाए तो सभी को चिकित्सक की सलाह लेकर कैल्शियम युक्त भोजन लेना चाहिए। नियमित व्यायाम और योग करते रहना चाहिए। जितना संभव हो सके सुबह में टहलना भी आवश्यक है। चलते रहने और व्यायाम करने से बुजुर्गों की हड्डियां मजबूत रहती हैं।

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