महिला स्वास्थ्य कर्मियों के आए दिन गायब रहने हुआ यह हाल
गाजीपुर। अंधारीपुर गांव में लाखों की लागत से निर्मित दो स्वास्थ्य केंद्रों जच्चा-बच्चा केंद्र और हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर तैनात महिला स्वास्थ्य कर्मियों के आए दिन गायब रहने से इन दोनों स्वास्थ्य केंद्रों पर ताला लटक रहा है।




बता दें कि यहां तैनात महिला स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी के कारण ग्रामीण इलाके के मरीज आदि को समय से दवा और इलाज न मिलने का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण दोनों स्वास्थ्य केंद्र महज शोपीश बनकर रह गए हैं। प्रेम प्रकाश, शैलेंद्र, राम भरोस, हरिदयाल, गंगादयाल, श्रवण कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि यही नहीं इस गांव में स्थित दोनों स्वास्थ्य केंद्र हेल्थ वेलनेस सेंटर और जच्चा बच्चा केंद्र स्वास्थ्य विभाग की उपेक्षा और देख-रेख के अभाव में अब धीरे-धीरे खस्ताहाल होता दिखाई दे रहा है।



लोगों ने बताया कि जच्चा बच्चा केंद्र तो पूरी तरह से अपने बदहाली पर आसूं बहा रहा है। इसकी दीवारें, दरवाजे खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। लोगों ने बताया कि उसके ठीक बगल में स्थित हेल्थ वेलनेस सेंटर भी जर्जर होने लगा है। अगर यही हाल रहा तो यह स्वास्थ्य केंद्र भी बहुत जल्द ही जच्चा बच्चा केंद्र की तरह जीर्ण-शीर्ण हो जाएगा।


ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इन दोनों स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात महिला स्वास्थ्य कर्मियों के आए दिन गायब रहने और जर्जर भवनों की शिकायत सीएम पोर्टल पर कर चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इन दोनों स्वास्थ्य केंद्रों के आए दिन बंद रहे के कारण मरीजों को मजबूरी में बीस किमी दूर रेवतीपुर या गाजीपुर जाना पड़ता है। बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ऐसे लापरवाह महिला स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर उदासीन बने हुए है। लोगों ने बताया कि यह दोनों स्वास्थ्य केंद्र इलाके के आठ गावों अंधारीपुर, अधियारा, रमवल, सोनवल, मतपुरवां, खजुहां, सुगवलियां, मिर्जापुर से जुड़ा है। इसकी आबादी करीब तीस हजार है।


लोगों ने कहा कि इन स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकीय सुविधाएं बढ़ाई जाए। ताकि इसका लाभ लोगों को मिल सके।
सीएमओ डाक्टर सुनील पांडेय ने बताया कि ऐसे लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ जांचकर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बहुत जल्द चिकित्सकीय सुविधाएं बढ़ाने के साथ ही जर्जर भवनों का कायाकल्प किया जाएगा।