बोले, वाराणसी मंडल के अधिकारी जिम्मेदारी के साथ अपने कार्यों का करें निर्वहन
अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मण्डल डॉ0 एमपी सिंह ने बच्चों को किया प्रोत्साहित
यूनिसेफ के 75 एवं यूनिवर्सल बाल अधिकार के 35 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित
गाजीपुर। आयुक्त वाराणसी मंडल सभागार में यूनिसेफ के 75 वर्ष एवं यूनिवर्सल बाल अधिकार के 35 वर्ष पूरे होने पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता अपर आयुक्त वाराणसी राकेश कुमार गुप्ता ने किया। कार्यशाला में मंडल के तीनों जिले गाजीपुर, चंदौली और जौनपुर वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से जुड़े थे। वाराणसी जनपद व मंडल के सभी मंडलीय एवं जिला स्तरीय अधिकारी सम्मिलित हुए। कार्यशाला में लखनऊ से स्वास्थ्य स्पेशलिस्ट, यूनिसेफ उत्तर प्रदेश से डॉ. कनुप्रिया सिंघल उपस्थित थी। कार्यशाला का संचालन डीपीओ आईसीडीएस वाराणसी ने किया।
डीपीओ आईसीडीएस डीके सिंह ने बताया कि बच्चे की सुरक्षा, पोषण और स्वास्थ्य के लिए वाराणसी मंडल प्रतिबद्ध है एवं सारे अधिकारी जिम्मेदारी के साथ अपने कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं। बताया गया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत पूरे उत्तर प्रदेश में वाराणसी प्रथम स्थान पर है। ग्राम स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा अपना बहूमूल्य योगदान दिया जा रहा है। साथ ही लैंगिक भेदभाव पर भी वाराणसी में बेहतर कार्य हो रहा है।
उक्त कार्यक्रम में युनिसेफ लखनऊ से डॉक्टर कनुप्रिया सिंघल (स्वास्थ्य विशेषज्ञ) ने यूनिसेफ के 75 वर्ष पूरे होने पर यूनिसेफ के द्वारा किए गए। कार्य एवं उपलब्धि को साझा किया एवं सरकार के साथ मिलकर आगे कार्य करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने उक्त कार्यशाला में बच्चों के अधिकार, स्वास्थ्य पोषण, सुरक्षा, संरक्षण इत्यादि पर सरकारी विभागों के साथ-साथ समन्वय स्थापित करते हुए कार्यों एवं उनकी उपलब्धि पर प्रकाश डाला एवं आगे की कार्य योजना पर संबंधित विभागों से सहयोग एवं मार्गदर्शन पर चर्चा की। अवगत कराया की सरकार के साथ बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण एवं संरक्षण पर कार्य करते रहेंगे और जितने भी सुझाव इस कार्यशाला में हमारे समक्ष आया ह उसको अपने कार्यक्रम में सम्मिलित करने हेतु राज्य स्तर पर प्रयास करेंगे।
अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मण्डल, वाराणसी डॉ0 एम.पी.सिंह बच्चों को प्रोत्साहित किया गया की बच्चें अपने स्वास्थ्य एवं अधिकारों के बारे में जाने और सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ ले ताकि उनका स्वास्थ्य, पोषण और भविष्य उज्जवल रहे। कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी विद्यालय से मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थी के द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं अपने अनुभव साझा किए गए। नैंसी सोनकर बालिका के द्वारा यह बताया गया कि उनके पिता की मृत्यु के बाद बाल सेवा योजना के द्वारा प्राप्त धनराशि से उसकी पढ़ाई का कार्य निरंतर जारी है एवं बड़े होकर टीचर बनना चाहती हूॅ।
इसी क्रम में यश सोनकर ने यह बताया कि मेरे पिता की मृत्यु के पश्चात स्कूल की पढ़ाई एवं फीस इत्यादि देना मुश्किल था इस योजना से उसे राहत मिली एवं उसकी पढ़ाई जारी है एवं बड़े होकर बिजनेसमैन बनने की बात कही गई। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं महाबोधि इंटर कॉलेज से आए भारती, रोशनी एवं रिया ने मीनामंच के माध्यम से विद्यालय एवं समुदाय में किशोरियों एवं महिलाओं की सुरक्षा मिशन शक्ति एवं लैंगिक और रंग भेद भाव से संबंधित मुद्दे पर अपने विचार एवं अनुभव साझा किया, गाजीपुर से एसपी सिटी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बच्चों से संबंधित अपने विचार साझा किया एवं उसकी सुरक्षा, स्वास्थ्य के संवर्धन के लिए यूनिसेफ की तारीफ की और समन्वय बनाकर आगे भी काम करने की प्रतिबद्धता जाहिर की।
कार्यशाला में अध्यक्षता कर रहे अपर आयुक्त महोदय ने सभी विद्यालय से आए बच्चों की प्रशंसा की एवं उपस्थित अधिकारियों से बच्चों के प्रति निष्ठावान होकर कार्य करने की प्रतिबद्धता के लिए आग्रह किया उन्होंने बच्चों का मोबाइल से दूर रखना के पर भी जोऱ दिया। इस अवसर पर परियोजना निदेशक राजेश यादव, डीसीएनआरएलएम, बेसिक शिक्षा अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, युवा कल्याण अधिकारी, डीएमसी यूनिसेफ जिला गाजीपुर बलवन्त सिंह आदि उपस्थित रहें।