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कुपोषित बच्चों के लिए संजीवनी बना “पोषण पुनर्वास केंद्र”

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पिछले आठ सालों में 1078 बच्चों को मिला जीवनदान-डॉ. विशाल सिंह

बलिया। जिला चिकित्सालय अंतर्गत नए अस्पताल में संचालित हो रहे पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों को उपचार एवं बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है। यहां एक मेडिकल ऑफिसर सहित कुल नौ कर्मचारियों की तैनाती की गई हैं। बच्चों के रख-रखाव, खान-पान, दवा एवं स्वास्थ्य को लेकर पोषण पुनर्वास केंद्र में भरपूर सुविधाएं उपलब्ध हैं।

Dr. P.K. Singh

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Dr. Shubham Rai

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Dr. M. Alam

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बता दें कि पोषण पुनर्वास केंद्र के मेडिकल ऑफिसर डॉ. विशाल सिंह का कहना है कि पुनर्वास केंद्र की स्थापना वर्ष 2016 में की गई थी। तब से लेकर अब तक यहां 1078 बच्चों को स्वास्थ्य लाभ दिया गया है।

Dr. B.K. gupta

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Dr. D Rai

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Dr. Aftab

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डॉ. विशाल सिंह ने बताया कि कुपोषित बच्चों को सीएचसी, पीएचसी, आंगनबाड़ी केंद्र एवं जिला चिकित्सालय के ओपीडी से चिन्हित कर यहां भेजा जाता है। साथ ही किसी भी माता-पिता को बच्चों के कुपोषित होने की आशंका पर सीधे लेकर जिला चिकित्सालय के पोषण पुनर्वास केंद्र आ सकते हैं। उनके बच्चों की जांच कर उनका उपचार किया जाता है।

Purvanchal

Dr. P.K.
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R.D

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Dr. Ujjawal

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बताया कि वर्तमान में पोषण पुनर्वास केंद्र पर मेरे अलावा एफडी रेनू तिवारी, चार स्टाफ नर्स, एक केयरटेकर, एक खाना बनाने के लिए कूक तथा एक सफाई कर्मचारी की तैनाती की गई है। वर्तमान में केयरटेकर का पद रिक्त है। जबकि अन्य स्टाफ समय से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।

Dr. V.S. Singh

07
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पोषण पुनर्वास केंद्र में एफडी के पद पर तैनाद रेनू तिवारी ने कुपोषित बच्चों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सर्वप्रथम बच्चों का वजन, उनकी लंबाई आदि की जांच की जाती है। बच्चों पर कुपोषण का असर कितना है? उन्हें किस तरह का उनको आहार देना है ? उन्होंने स्वास्थ्य लाभ के बारे में भी पूरे विस्तार से जानकारी दी।

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