अस्थमा एक खतरनाक बीमारी, इससे रहें सावधान…
बलिया। सीनियर चेस्ट फीजिशियन डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि अस्थमा एक खतरनाक बीमारी है। इसमें सांस फूलने लगता है। बेचैनी बढ़ जाती है और कभी-कभी मरीज काफी गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है। ऐसे मरीजों को समय रहते सावधान रहने की जरूरत है। अस्थमा रोगियों को बदलते मौसम में काफी सजग और सतर्क रहने की जरूरत होती है। उन्हें ठंडा- गरम, धूल- धुआं एवं खान-पान को लेकर भी सावधानी बरतनी चाहिए।
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डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि अस्थमा रोगियों के लिए इनहेलर काफी कारगर है। इनहेलर दवा को सीधे फेफड़ों में ले जाने में मदद करता है। इनहेलर की सुविधा से अस्थमा रोगियों को बचाना काफी आसान हो गया है। इसके माध्यम से ली जाने वाली दवाएं अस्थमा के लक्षणों को काम करते हैं और सांस लेने में काफी मरीज को आसानी हो जाती है।
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डॉ. विनोद कुमार ने अभी बताया कि इनहेलर का इस्तेमाल करने से पहले या सुनिश्चित कर लें कि इनहेलर खाली न हो और इसकी एक्सपायरी डेट न हो। इसके इस्तेमाल के बाद मुंह को सूखे कपड़े या टिशू से पोंछ लें। इनहेलर के उपलब्ध न होने पर अन्य विधि से भी अस्थमा रोगियों का उपचार किया जाता है।
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उन्होंने बताया कि अस्थमा रोग अनुवांशिक भी होता है। इसमें मरीज को एलर्जी से बचने की जरूरत होती है। खासकर धूल व धुआं इसके लिए काफी खतरनाक है। इसके साथ मरीज को अन्य सावधानी भी बरतनी चाहिए। थोड़ा भी सांस की दिक्कत समझ में आने पर तत्काल नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लें। समय रहते चेस्ट फीजिशियन को दिखा लें।
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अस्थमा रोगियों को मौसम के अनुरूप खुद को रखना और अपने दिनचर्या का पालन नियमित रूप से करना चाहिए। सश्वसन नली को ठीक रखने के लिए योग और व्यायाम भी करते रहना चाहिए। जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर हो सके।
Dr. V.S. Singh