रक्त धमनियों में गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए नियमित करें योग और व्यायाम
घी, तेल, मसाला, मैदा व बाहरी व चटपटे भोजन से करें परहेज
अखिलानंद तिवारी
बलिया। सावधान! अगर आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ रही है, तो निश्चित रूप से आप सचेत हो जाइए। क्योंकि यह आपको बड़े खतरे का संकेत दे रहा है। जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर मनोज कुमार बताते हैं कि शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल एवं बैड कोलेस्ट्रॉल दोनों ही रहते हैं। गुड कोलेस्ट्रॉल जहां हमारे जीवन को सुरक्षित रखता है, वहीं बैड कोलेस्ट्रॉल हमें मौत के दरवाजे तक खींच कर ले जाता है।
Dr. P.K. Singh
मनुष्य के शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं। पहला गुड कोलेस्ट्रॉल और दूसरा बैड कोलेस्ट्रॉल। बच्चा जब एक साल का होता है, तभी से उसके शरीर में कोलेस्ट्रॉल बनना शुरू हो जाता है। 40 साल का होते-होते रक्त नलिकाओं में करीब 50% कोलेस्ट्रॉल अपनी जगह बना चुका होता है। लापरवाही बरतने पर रक्तधमनियों में इसकी मात्रा तेजी से बढ़ती है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए नियमित योग, व्यायाम, खेल-कूद, ध्यान व प्राणायाम करते रहना चाहिए।
Dr. B.K. gupta
डॉ. मनोज कुमार का यह भी कहना है कि उच्च रक्तचाप एवं निम्न रक्तचाप हृदय को काफी प्रभावित करते हैं। इसलिए शरीर को संतुलित आहार के साथ मानसिक तनाव से मुक्त रखना चाहिए। हमेशा प्रयास करें कि खुश रहें। ऐसे लोगों के साथ रहे जो आपको सकारात्मक ऊर्जा दें। उन्होंने ध्यान करने का तात्पर्य बताते हुए कहा कि अपने धर्म के तहत पूजा और भजन करें एवं अच्छे माहौल में रहने का भरपूर प्रयास करें। ऐसा करने से आप हृदय रोग से बचे रहेंगे।
Dr. M. Alam
बैड कोलेस्ट्रॉल :
-देखा जाए तो कोलेस्ट्रॉल मूल रूप से तैलीय पदार्थ है, जो रक्त धमनियों यानि खून की नालियों में जमा होने लगता है। शरीर रक्त नलिकाओं में बैड कोलेस्ट्रॉल खासकर घी, तेल, मसाला एवं मैदा से बनी चीजों से ज्यादा तेजी से बढ़ता है। बैड कोलेस्ट्रॉल शरीर में ना बढ़े इसके लिए हमें रेस्टोरेंट, होटल, ढाबे एवं बाजारों के खाद्य पदार्थों को खाने से परहेज करना चाहिए। घर में भी मानक के अनुरूप ही तेल, घी और मसाला का सेवन करना चाहिए। हृदय को सुरक्षित रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा फल, जूस, सलाद एवं सादे भोजन का प्रयोग करना चाहिए।
Dr. Shubham Rai
SHUBHAM RAI
Dr. Ujjawal
गुड कोलेस्ट्रॉल :
-डा. मनोज कुमार की मानें तो वर्तमान समय में हम अपने पुरानी पद्धति को छोड़कर नयी जीवन शैली को अपना लिए हैं। नई जीवन शैली में छोला, ढ़ोसा, चाऊमीन, बर्गर, इडली सहित तमाम ऐसी चीज हैं, जो मनुष्य के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं। यह सभी चीज बैड कोलेस्ट्रॉल को जन्म देती हैं।
Dr. V.S. Singh
गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) के लिए हमें नियमित सुबह उठकर नित्य क्रिया के बाद सुबह टहलना, योग करना, व्यायाम करना तथा ध्यान करना भी जरूरी है। इससे गुड कोलेस्ट्रॉल शरीर में बनता है और शरीर में रोग से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि अगर हृदय को सुरक्षित रखना है तो मनुष्य को अपने जीवन शैली में बदलाव लाना होगा, संतुलित आहार लेना होगा तथा दिनचर्या में नियमित योग और व्यायाम को शामिल करना होगा।
Dr. Aftab
उच्च व निम्न रक्तचाप हृदयाघात की चेतावनी
-वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर मनोज कुमार का कहना है कि मनुष्य के शरीर में जब हाई ब्लडप्रेशर यानि उच्च रक्तचाप होने पर उसे नियमित चिकित्सक से सलाह लेना एवं चेकअप कराना चाहिए। इसमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, चिकित्सक के अनुसार नियमित दवा भी लेना पड़े तो लेते रहें। यही स्थिति लो ब्लड प्रेशर यानी निम्न रक्तचाप के मरीजों पर भी लागू होती है।
Dr. Krishna Singh
बता दें कि अत्यधिक हाई ब्लड प्रेशर होने पर जहां लकवा, ब्रेन हेमरेज, हृदयघात आदि का खतरा बना रहता है। वहीं निम्न रक्तचाप यानि लो ब्लड प्रेशर होने पर भी मरीज अचानक कोमा में जा सकता है। दोनों ही परिस्थितियों में मरीज को सजग और सतर्क रहने की जरूरत होती है। डा. मनोज कुमार की मानें तो एक बार कोई भी व्यक्ति उच्च रक्तचाप या निम्न रक्तचाप की चपेट में आया है, तो उसे निश्चित रूप से चिकित्सकीय परामर्श की आवश्यकता होती है। वह खुद को सुरक्षित रखने के लिए चिकित्सक के सलाह के अनुसार ही उसकी दिनचर्या रखे। उसका नियमित उपचार भी चलते रहना चाहिए।
Dr. D Rai