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जिला महिला अस्पताल : एक महिला चिकित्सक व तीन आशा बहुओं पर लटक रही जांच की तलवार

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अपना दल के नेता ने सरकारी अस्पताल से मरीज को निजी अस्पताल में ले जाने व धन उगाही करने का लगाया आरोप

सीएमओ को मिली जांच, कई दिनों से छुट्टी लेकर फरार हैं महिला चिकित्सक !

शासन व प्रभारी मंत्री के निर्देश पर डीएम ने सीएमओ को जांच सौंपी

जिला एवं महिला अस्पताल के आस-पास चल रहे अवैध अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे के विरुद्ध कार्रवाई की मांग

बलिया। जिला महिला चिकित्सालय में मरीजों का शोषण जारी है। वहां तैनात कई चिकित्सक बेहतर इलाज के नाम पर मरीजों को अपने निजी नर्सिंग होम एवं अस्पताल में ले जाकर उनका दोहन व शोषण कर रहे हैं। यहां तक के जिला अस्पताल के आसपास चल रहा है निजी नर्सिंग होम के कुछ संचालक भी जिला एवं महिला अस्पताल में कमीशन पर अपने दलाल रखें हुए हैं।

यहां तक की ज्यादातर संचालित होने वाले अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे एवं पैथोलॉजी अवैध रूप से चल रही है। कुछ नर्सिंग होम भी बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं। यह सबकुछ मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नाक के नीचे होता है, लेकिन कोई कार्रवाई करने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाता। आखिर क्यों ? सबकुछ जानते हुए कठोर कार्रवाई क्यों नहीं होती ? इस गोरखधंधे में कहीं अफसरों की भी तो संलिप्तता नहीं है, अगर ऐसा नहीं है तो जरूर कोई दबाव या मजबूरी होगी। आखिर कब तक शोषण के शिकार होंगे मरीज ? कब तक खामोश रहेंगे जनप्रतिनिधि एवं आला अफसर ? दशकों से स्वास्थ्य महकमे में अंदर तक जड़ें जमा चुके निजी दुकान चलाने वाले चिकित्सक सिस्टम को खोखला कर रहे हैं। अवैध अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे एवं पैथोलॉजी को बंद करना आसान है, लेकिन कठोर पहल करना काफी मुश्किल है?


इस संबंध में अपना दल एस के पंकज पटेल ने शासन के साथ ही जिले के प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र उर्फ दयालु को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई गई है। भेजे गए पत्र में उन्होंने बहुत सारे आरोप लगाएं हैं। उन्होंने महिला चिकित्सालय की डॉक्टर रिमझिम सिंह को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया है कि चिकित्सक तथा उनके दलालों द्वारा सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल में लाकर गर्भवती महिला का ऑपरेशन किया गया। आए दिन मरीजों से बेहतर उपचार के नाम पर वसूली की जा रही है। देखा जाए तो यह कृत्य जिला महिला चिकित्सालय एवं जिला अस्पताल में तैनात कई चिकित्सकों की है, जो दलाल के माध्यम से मरीजों को अपने निजी अस्पताल एवं घर तक ले जाते हैं और यहीं से गरीब मरीजों का शोषण शुरू होता है।


ज्यादातर चिकित्सकों द्वारा बताया जाता है कि जिला एवं महिला अस्पताल में जांच एवं उपचार की सुविधा अच्छी नहीं है। सरकारी अस्पताल की दवाएं और जन औषधि केंद्र की दवाएं मरीजों को सही काम नहीं करती। उन्हें चिकित्सक को प्राइवेट में दिखकर दवा लेना चाहिए। मरीज चिकित्सक के इस बहकावे में आकर स्वस्थ होने के लिए उनके पास जाता है।


पंकज पटेल ने स्वास्थ्य मंत्री एवं बलिया के प्रभारी मंत्री को भेजे गए पत्र में साफ लिखा है कि जन औषधि केंद्र पर बैठे अधिकतर लोग दलाली में शामिल हैं। कई आशा बहुएं भी निजी नर्सिंग होम की दलाली कर रही हैं। पत्र में तीन आशा बहुओं का नाम एवं मोबाइल नंबर सहित शिकायत की गई है। साथ ही महिला अस्पताल की चिकित्सक रिमझिम सिंह के नाम से भी शिकायत है। इस प्रकरण की जांच शासन स्तर से जिला अधिकारी के माध्यम से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंप गई है। चर्चा है कि जांच के घेरे में आई महिला चिकित्सक रिमझिम सिंह फिलहाल छुट्टी लेकर गायब हैं।

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