आजमगढ़। नीमा स्थापना सप्ताह के अंतर्गत आरके आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज सठियांव में चिकित्सा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कॉलेज के प्राचार्य और नीमा आजमगढ़ के वरिष्ठ सदस्य डॉ. केएन यादव ने आधुनिक जीवनशैली में आयुर्वेद की उपयोगिता विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला।



उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में लोग आधुनिकता की तरफ बढ़ते दिखावे को महत्व देकर अपने स्वास्थ्य को कम महत्व दे रहे हैं। किसी भी व्यक्ति से सुबह आधा घंटे व्यायाम के लिए या टहलने के लिए कहा जाए तो उसका जवाब होता कि हमारे पास समय कहाँ है? लेकिन जब बीमार होता है तो इसके लिए समय निकाल लेता है।


अतः व्यक्ति को समय रहते ही स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए। अपने व्यस्ततम जीवनचर्या के कारण व्यक्ति स्वास्थ्य को भूल से गया है, जबकि स्वास्थ्य ही जीवन का आधार है। स्वस्थ व्यक्ति जीवन के सारे सुख भोगता है, जबकि रोगी व्यक्ति हमेशा परेशान रहता है।


डॉ. अवधेश कुमार ने स्वास्थ्य ही जीवन है विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने पर ही मनुष्य धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। स्वस्थ रहने के लिए मनुष्य को आयुर्वेद के सिद्धांत दिनचर्या, रात्रिचर्या, ऋतुचर्या और सदवृत का पालन करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त स्वस्थ की कल्पना करना संभव नहीं है।


आगे उन्होंने कहा कि सुखी रहना है तो स्वास्थ्य की देखभाल करना आवश्यक है। कहा भी गया है कि सच्चा सुख निरोगी काया। आज की संगोष्ठी के को-ऑर्डिनेटर डॉ. डी.डी. सिंह ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से आमजन को अपने को स्वस्थ रखने में मदद मिलती और वे आयुर्वेद के सिद्धांत का पालन करते हुए लम्बे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं। साथ ही मेडिकल कॉलेज के छात्र स्वस्थ रहते हुए राष्ट्र के निर्माण अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं।


संस्था के चेयरमैन डॉ. प्रेम प्रकाश यादव ने नीमा के इस तरह के कार्यक्रम की सराहना किया और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर डॉ. अमित कुमार, डॉ. अवधेश यादव, डॉ. प्रेम प्रकाश राय, डॉ. अखिलेश शुक्ला, डॉ. नमिषा दास, डॉ. अजय यादव, डॉ. राहुल पाण्डेय, डॉ. सौरभ यादव, डॉ. राजेश श्रीवास्तव, डॉ. कीर्ति यादव, अभिनंदन यादव, दीपक यादव, हिमांशु गुप्ता, रश्मि मिश्रा, डॉ. डी.डी. सिंह आदि उपस्थित रहे।

