वर्तमान युवा पीढ़ी “सर्वाइकल” की चपेट में, कैसे मिले निजात ?
बच्चे व युवाओं में बढ़ते रोग का कारण कहीं “इंडोर गेम” तो नहीं..?
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अखिलानंद तिवारी
बलिया। जिला चिकित्सालय के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कर्ण सिंह चौहान से युवाओं में बढ़ रहे सर्वाइकल रोग पर विशेष बातचीत..।


वर्तमान में युवा पीढ़ी “सर्वाइकल रोग” की चपेट में तेजी से आ रही है। इसकी मुख्य वजह क्या हो सकती है। डाक्टर चौहान का कहना है कि लंबे समय तक एक ही अवस्था में कुर्सी पर बैठे रहना, कंप्यूटर, लैपटॉप एवं मोबाइल से चिपके रहना है।


ऐसा देखने को मिल रहा है कि बच्चे हों या युवा पढ़ाई तथा नौकरी पेशे के बाद अक्सर इंडोर गेम पर समय दे रहे हैं, आउट डोर गेम लगभग बंद हैं। नियमित घर से बाहर न निकलने, खेलने- कूदने में रूचि न लेने या समय न देने के कारण मानसिक व शारीरिक दोनों ही विकास अवरूद्ध हो रहा है। युवा शारीरिक रूप से दुर्बल बनते जा रहे हैं। कुछ साल पहले तक युवा सुबह-शाम फुटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन, कुश्ती, कबड्डी तथा तैराकी तक के लिए समय निकाल लेते थे। लेकिन अब उनके पास समय का अभाव है। यह भी सत्य है कि बच्चे हों या युवा नियमित एक्सरसाइज से भी दूर हो गए हैं,
अगर रोग से बचना है और खुद को स्वस्थ रखना है तो योग अपनाएं, अपनी दिनचर्या में बदलाव लाएं, व्यायाम नियमित करें।


डॉ. चौहान ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बाहर के खाद्य पदार्थों को नजरअंदाज करें। घर का बना हुआ शुद्ध भोजन करें। अपने आहार में फल, जूस और सलाद को शामिल करें। सुबह की धूप जरूर लें। सभी प्रकार के पोषकतत्व एवं उनसे मिलने वाले विटामिन का ध्यान रखें। प्रोटीन डाइट का प्रयोग करें।


डॉ. चौहान का यह भी कहना है कि खासकर छोटे बच्चों को अभिभावक मोबाइल से जितना दूर रख सकते हैं रखें। उन्हें आउट डोर गेम के लिए प्रेरित करें। बाग-बगीचे, खेल मैदान एवं अन्य उचित स्थान पर ले जाएं। खेलकूद का अभ्यास कराएं। ताकि शरीर स्वस्थ एवं उनकी हड्डियां मजबूत रह सकें। मोबाइल से जितना हो सके दूर करें, अन्यथा आने वाले समय में यह विभिन्न रोगों को आमंत्रण देगा।
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आइए जानें ! बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां क्यों होती हैं बीमार..?
-*हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कार्ण सिंह चौहान बताते हैं कि कैल्सियम और विटामिन की कमी के कारण हड्डियां कमजोर होती हैं। बढ़ती उम्र के साथ हमारी हड्डियों का रखरखाव ठीक से नहीं हो पाता और संतुलित आहार ना लेने के कारण भी हड्डियां बीमार पड़ने लगती है। बाद में चलकर यह बड़े रोग के रूप में परिवर्तित हो जाता है। इसलिए 40 साल की उम्र के बाद हड्डियों की देख-रेख करना जरुरी है और इसके लिए नियम से सुबह में सूर्य का प्रकाश, कैल्शियम और विटामिन युक्त भोजन लें।


नंगे पैर दौड़ का अभ्यास करना घातक, स्पोर्ट्स शूज व मुलायम जमीन का करें चयन
**अस्थि रोग विशेषज्ञ डाक्टर कर्ण सिंह चौहान आगे बताते हैं कि वर्तमान समय में सेना भर्ती, मैराथन की तैयारी व एथलीट अक्सर नंगे पैर अभ्यास करना व दौड़ना चालू करते हैं, यह घातक है। हमेशा स्पोर्ट्स शूज के साथ ही दौड़ का अभ्यास करें। कभी भी सड़क एवं हार्ड जमीन पर ना दौड़ें, खेल ग्राउंड में तथा मुलायम जमीन पर ही अभ्यास करना स्वास्थ्यवर्धक है।

दौड़ का अभ्यास करने वाले युवा अक्सर प्रोटीन पाउडर, टैबलेट एवं बिना डाइटिशियन की सलाह के कुछ भी खाना शुरू कर देते हैं। ऐसा करना भी हानिकारक है। युवाओं में कमर दर्द, जोड़ों में दर्द, घुटने एवं पैरों में दर्द का होना पाया जा रहा है। यह अनियमित दिनचर्या तथा नियम पूर्वक दौड़ का अभ्यास न करने के कारण भी हो रहा है। इसके प्रति सावधान ना रहने पर भविष्य में वह बड़े रोग को जन्म दे सकता हैं।